Wednesday, August 18, 2010

एक हजार लोग हो सकते हैं स्वाइन फ्लू के शिकार


मान सिंह चौहान
स्वाइन फ्लू ने शहर में दस्तक दे दी है। सेक्टर 41 निवासी अस्पताल कर्मी युवती तो ठीक हो गई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की परेशानी साफ झलकने लगी है। विभाग ने स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए प्रदेश सरकार से संसाधनों की मांग की है। एक हजार लोगों का उपचार करने लायक दवाएं, वैक्सीन और उपकरण मांगे गये हैं क्योंकि डाक्टरों का मानना है कि खराब मौसम के कारण पिछले साल के मुकाबले इस साल मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।
गत वर्ष एक के बाद एक करके 309 मरीज शहर के तमाम अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से पीडि़त पाए गए थे। फोर्टिस अस्पताल में भरती एक मरीज की मौत भी हो गई थी। विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि स्वाइन फ्लू का वायरस भारतीय मौसम में अनुकूलित हो चुका है। दूसरी बीमारियों के वायरस के संपर्क में आकर इसमें बदलाव भी आए होंगे। अपोलो अस्पताल के डा. डी शर्मा का कहना है कि इस संबंध में देश भर में शोध चल रहे हैं। इस बार बारिश समय से पहले हुई है और लगातार भी नहीं हो रही है। बारिश के बाद मौसम साफ हो जाता है, जिससे तापमान और उमस बढ़ती है। ऐसा मौसम वायरल और बैक्टीरियल विकास के लिए मुफीद होता है। स्वाभाविक है कि स्वाइन फ्लू लोगों को परेशान करेगा। स्वास्थ्य विभाग में एंटी स्वाइन फ्लू सेल के प्रभारी डा. अनिल कुमार का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल रोगियों की संख्या बढ़ सकती है। जिसे ध्यान में रखकर एक हजार रोगियों का उपचार करने लायक इंतजाम किए जा रहे हैं। सरकार से 10,000 ओसिल टैमीविर कैप्सूल, 1,000 टैमी सिरप फ्लू, 1,000 वीटीएन, 1,000 थ्रोट स्वैप, 5,000 टू लेयर फेस मास्क, 1,000 एन-95 मास्क, 1,000 हैंड सेमी टाइवर मांगे गए हैं। पत्र शासन को भेजा गया है। दवाएं और उपकरण जल्दी मिलने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि निजी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू का उपचार नहीं है। जिला अस्पताल के बाद दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उपचार संभव है। पिछले साल शहर के कालेजों, विश्वविद्यालयों और कंपनियों में बड़ी संख्या में स्वाइन फ्लू के रोगियों की पहचान की गई थी। जिला अस्पताल में ही 309 बीमारों का उपचार किया गया था।
जिला अस्पताल में डेंगू से पीडि़त तीन और मरीज भर्ती हुए हैं। तीनों को डेंगू की पुष्टिï होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने उपचार शुरू कर दिया है। पीडि़त युवकों में एक की उम्र 25 वर्ष और दूसरे की 15 वर्ष है। तीसरा रोगी 42 वर्ष का है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मीना मिश्रा ने बताया कि फिलहाल तीनों खतरे से बाहर हैं।
वहीं नोएडा क्षेत्र में एक 17 वर्षीय युवती में स्वाइन फ्लू की पुष्टि की गई है। पीडि़त को जिला अस्पताल से टेमी फ्लू दवा दी गई है। सेक्टर-41 में रहने वाली युवती का इलाज मैक्स अस्पताल में चल रहा था। स्वाइन फ्लू की पुष्टि के बाद वह जिला अस्पताल जांच कराने आई। रिपोर्ट के आधार पर इसे टेमी फ्लू दे दी गई है। साथ ही सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक राजरानी कंसल ने बताया कि निजी अस्पताल की पुष्टि पर युवती को दवाएं दी गई हैं। जिला अस्पताल में इससे पहले भी बीमारी के संदिग्ध मरीज आ चुके हैं। वर्ष 2009 के नवंबर व दिसंबर माह में जिले में स्वाइन फ्लू के लगभग 300 मामले सामने आए थे। बीमारी से चार लोगों की मौत भी हुई थी। जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू के टीके व जांच की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि अभी चिकित्सीय कर्मचारियों के लिए ये टीके उपलब्ध कराए गए हैं।

ncr@ekkadamaage.com

1 comment:

  1. भाई मानवीर जी आपने स्वाइन फ्लू के बारे में यह लेख लिख कर लोगों को उसके बचाव के लिए पहले से ही सावधान कर दिया है जो काबिले तारीफ है।

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